Onion price when increase in maharastra, #Onion #price #nerredonionप्याज का भाव क्यों नहीं बढ़ पा रहा है और बांग्लादेश की सीमा कब खुलेगी:
Onion price when increase in maharastra, #Onion #price #nerredonionप्याज का भाव क्यों नहीं बढ़ पा रहा है और बांग्लादेश की सीमा कब खुलेगी: एक गहराई से विश्लेषण
परिचय
प्याज (ऑनियन) भारत और बांग्लादेश दोनों देशों के लिए एक अहम कृषि उत्पत्ति है। यह सिर्फ एक सब्जी नहीं, बल्कि आर्थिक, राजनीतिक और व्यापारिक दृष्टिकोण से भी बहुत महत्वपूर्ण है। हाल-फिलहाल, कई किसान और व्यापारियों में चिंता है कि प्याज का भाव (मूल्य) बढ़ क्यों नहीं रहा है, जबकि दूसरी ओर यह सवाल भी उठता है कि बांग्लादेश-भारत सीमा व्यापार के लिए कब पूरी तरह खुलेगी। इस ब्लॉग में हम दोनों मुद्दों की पड़ताल करेंगे।
1. प्याज का भाव न बढ़ पाने के कारण
(a) निर्यात नीतियाँ और शुल्क
भारत ने पहले प्याज पर एक्सपोर्ट बैन (निर्यात प्रतिबंध) लगाया था, ताकि घरेलू आपूर्ति सुरक्षित रहे।
The Business Standard
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Dhaka Tribune
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लेकिन अब हाल में 20% एक्सपोर्ट ड्यूटी हटा दी गई है (1 अप्रैल, 2025 से) ताकि निर्यात को फिर से बढ़ावा मिले।
A2ztaccorp
निर्यात पर शुल्क हटने से व्यापारियों को प्याज विदेश भेजने में सहूलियत मिलेगी, जिससे उनकी मांग बढ़ सकती है और कीमतों पर असर पड़ेगा।
(b) मांग और आपूर्ति का संतुलन
बांग्लादेश अब भारतीय प्याज का आयात फिर से शुरू कर रहा है — उदाहरण के लिए, Bhomra लैंड पोर्ट के माध्यम से 202 टन प्याज भारत से भेजे गए।
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अगर निर्यात बढ़ जाता है, तो भारत में प्याज की आपूर्ति बाहर निकलती है, जिससे घरेलू भाव में तेजी नहीं आती है।
इसके अलावा, बांग्लादेश के कामर्स एडवाइजर ने कहा है कि आयातकों को मांग के अनुसार कहीं से भी प्याज लाने की अनुमति दी जाएगी, न सिर्फ भारत से।
Dhaka Tribune
(c) बांग्लादेश में घरेलू आपूर्ति बढ़ी
बांग्लादेश में भी प्याज की घरेलू खेती हो रही है और उनकी आपूर्ति में सुधार हो सकता है।
इसके अलावा, अगर बाजार में आयात लगातार होता है, तो लोकल उत्पादन और आयात का संतुलन बने रहने की सम्भावना है, जिससे भाव बहुत ज्यादा ऊपर न जाए।
(d) निर्यात प्रक्रियाओं में अड़चनें
सीमा बंद-खुली रहने, कस्टम प्रक्रियाओं में देरी, या अन्य लॉजिस्टिक रुकावटें भी निर्यात को प्रभावित कर सकती हैं।
पिछले समय में विभिन्न बंदरगाहों पर इम्पोर्ट-एक्सपोर्ट रोका गया था, जिससे निर्यात निरंतर नहीं हो पाया।
2. बांग्लादेश-भारत की सीमा: कब खुल रही है और व्यापार की स्थिति क्या है?
(a) सीमा खुलने की ताज़ा जानकारी
Bhomra लैंड पोर्ट के माध्यम से भारतीय प्याज का आयात फिर से शुरू हो गया है। रिपोर्ट्स के अनुसार, 202 टन प्याज trucks के ज़रिए बांग्लादेश में भेजी गई है।
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Benapole लैंड पोर्ट के माध्यम से भी प्याज का आयात हाल ही में फिर से हुआ है, जो कि पिछले ढाई सालों में बंद था।
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इसी तरह, Hili पोर्ट के माध्यम से भी आयात再 शुरू हुआ था।
न्यूजऑनएयर
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(b) सरकार की नीतिगत भूमिका
बांग्लादेश के कामर्स एडवाइजर, Sheikh Bashir Uddin ने कहा है कि आयातकों को प्याज आयात करने की अनुमति दी जाएगी “जहां-जहां कीमत कम और आपूर्ति बेहतर मिले।”
Dhaka Tribune
इस नीति का मकसद है प्याज की घरेलू कीमतों को नियंत्रण में रखना और सस्टेनेबल सप्लाई सुनिश्चित करना।
(c) पिछले प्रदर्शन और भविष्य की उम्मीदें
भारत ने पहले प्याज आयात पर प्रतिबंध लगाया था, लेकिन हाल की स्थितियों में इम्पोर्ट फिर से शुरू हो गया है।
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निर्यात शुल्क में कटौती और बांग्लादेश की मांग का खुलापन यह संकेत देता है कि व्यापार आगे बढ़ेगा।
अगर निर्यात स्थिर रूप से जारी रहता है, तो यह बांग्लादेश के बाज़ार में प्याज की आपूर्ति बढ़ाने में मदद करेगा और भारत में उत्पादनियों को बेहतर बाजार मिलेगा।
3. नतीजे और आगे की चुनौतियाँ
किसानों के लिए चुनौती
प्याज का घरेलू भाव न बढ़ने से किसान आर्थिक रूप से निराश हो सकते हैं।
निर्यात बढ़ने पर, किसान को बेहतर रिटर्न मिल सकता है, लेकिन इसे लॉजिस्टिक और निर्यात बाधाओं के बिना सुनिश्चित करना होगा।
व्यापारियों के लिए अवसर
बांग्लादेश में आयात फिर से शुरू होने से व्यापारियों को बड़ा बाजार मिलेगा।
लेकिन उन्हें कस्टम क्लियरेंस, ट्रकिंग और अन्य प्रक्रियाओं को मैनेज करना होगा, ताकि निर्यात सुचारू हो।
नीति-निर्माताओं की जिम्मेदारी
सरकारों को निर्यात और आयात नीतियों को संतुलित करना होगा ताकि घरेलू और अंतरराष्ट्रीय मांग दोनों संतुष्ट हो सकें।
लॉजिस्टिक इंफ्रास्ट्रक्चर को मजबूत करने की ज़रूरत है ताकि लैंड पोर्ट्स पर देरी और लागत कम हो सके।
भविष्य की अनिश्चितताएँ
मौसम, उत्पादन चक्र, और अंतरराष्ट्रीय बाज़ारों की अस्थिरता भविष्य में भाव को प्रभावित कर सकती है।
बांग्लादेश-भारत के बीच राजनीति या व्यापार नीति में बदलाव होने की स्थिति में, निर्यात-आयात पर असर हो सकता है।

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